गुलज़ार होना कहाँ मुश्क़िल है... गुलज़ार होना कहाँ मुश्क़िल है...
साथ नहीं देता है,अब कोई पैसा नहीं देता है,अब कोई। साथ नहीं देता है,अब कोई पैसा नहीं देता है,अब कोई।
मुझको नींद नहीं आती मैं सो नहीं पाता। मुझको नींद नहीं आती मैं सो नहीं पाता।
कभी हो गुलज़ार कभी राहों के ख़ार कभी हो गुलज़ार कभी राहों के ख़ार
गुलों पे उतरती है ग़ज़ल रात भर अर्श से जावेद तुमको ही शबज़ाद होना नहीं आता गुलों पे उतरती है ग़ज़ल रात भर अर्श से जावेद तुमको ही शबज़ाद होना नहीं आता
कल तक तुम्हारे आने से रहती थी बगिया गुलज़ार, आज कलियों की तरह महकती भी नहीं... कल तक तुम्हारे आने से रहती थी बगिया गुलज़ार, आज कलियों की तरह महकती भी न...